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नरक क्या है वोहा क्या होता है ?(Hell)
कितनों को पता है कि नरक संपूर्ण रूप से परमेश्वर पिता से हमेशा के लिए जुदा है अलग है । और वह सबसे बुरा नरक है जिसके बारे में मैं सोच सकता हूं।
लेकिन मुझे लगता है कि लोगों को यह विश्वास करने में मुश्किल है कि परमेश्वर लोगों को शाब्दिक आग में जलने देंगे।
मुझे लगता है कि बाइबल में जिस आग का जिक्र किया गया है वह ईश्वर की प्यास है जो कभी बुझाई नहीं जा सकती।
कितनी बड़ी बात है कि वहां पर परमेश्वर पिता का उपस्थिति नहीं है वहां हमेशा रोना और दांत का पिसना होता है । वहां कोई सुख चैन नहीं है वहां अंधेरा है ! लोगों को पिडाएं मिलती है।
नरक एक ऐसा देश है जहां दुष्ट आत्माओं का वास होता है वोहां पर कोई मनुष्य जो परमेश्वर पिता के आज्ञाओं को या नियमों को नहीं मानते प्रभु यीशु मसीह उन्हें उस आग में फेक देते हैं।
उस स्थान पर परमेश्वर पिता के कोई दया नहीं है। नरक मरे हुओं का अदृश्य संसार है।
- परमेश्वर कभी किसी को नरक नहीं भेजतें हैं। यदि मनुष्य नरक में जाता है, तो वह अपनी स्वतंत्र इच्छा से जाता है। स्वर्ग वास्तविक सत्य है और नरक वास्तविक सत्य है,
और अनंत काल लेकिन एक सांस दूर है। यीशु मसीह स्वयं की बड़ी कीमत पर , परमेश्वर ने हममें से प्रत्येक को हमेशा के जिन्दगी के लिए बना दिया है।
जो लोग स्वर्ग के घर के परमेश्वर के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं, उन्हें नरक में सौंपा जाता है और सौंपा जाएगा।
- हममें से जादा तर लोग जब छुट्टियों पर जाने वाले होते हैं तब हम होटेल की साइड को रेस्टोरेंट की जानकारी रखते हैं।
लेकिन हमसे बहुत सारे लोग ये जानने की कोशिश नहीं करते कि हम मरने के बाद कहां जाएंगे ऐसा क्यों ? हमारे प्रचारक नरक की शिक्षा नहीं देते हैं ऐसा क्यों है ?
और हमारे बड़े बुजुर्ग को जब कुछ पूछे तब वो केहेते हैं जाड़ा सवाल मत करो क्या सवाल नहीं पूछना गलत बात नहीं है हम ऐसे माहौल में बड़े हुए हैं जहां किसीको सवाल पूछना भी गलत है
लेकिन सवाल ना पूछना भी हमें धोके में ला सकता है। ये बात लोग क्यों नहीं समझते हैं। वहाँ आखिरी न्याय तक अविश्वासी रखे जाएँगे।
- “जो व्यक्ति कभी अपनी राय में बदलाव नहीं करता है वह ठहरा हुआ पानी की तरह होता है, और मन में रेंगनेवाला जन्तु को जन्म देता है।”
बाईबल ऐसा बताती है यीशु के अलावा बुद्धिमान व्यक्ति सुलेमान ने भी कहा एक ऐसा रास्ता है जो सही दिखाई देता है लेकिन उसके अंत में मौत है ।
अगर आपको बाईबल के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो में कुछ सचेतन करने आया हूं।
- मैं इस तथ्य से सावधान हूं कि नरक का विषय बहुत सूखत नहीं है यह एक खतरनाक विषय है । यह बहुत अप्रसिद्ध (unpopular) , प्रभावशाली और गलतफहमी है ….
एक इंसान के रूप में, मुझे इससे निपटना चाहिए और दूसरों को सावधान करना मेरा काम ही नहीं कर्तव्य है। मैं इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता।
इसलिए मेरे भायों बहनों नरक को हल के में मत लीजिए यह एक सच्चाई है । जितना स्वर्ग में प्रभु यीशु का होना सच है उतना नरक में शैतान का होना भी सच है ।
- आप भले ही मेरी बातों को ना विश्वास करे पर प्रभु यीशु मसीह के वचन को ध्यान से पढ़े आपको सब कुछ समझ आएगा ।
प्रभु यीशु मसीह के साथ हमें कोई डर नहीं लगेगा क्यों की सिद्ध प्रेम में कोई डर भय नहीं होता। जब आपके जीवन में यीशु मसीह का उपस्थिति नहीं है तो हर प्रकार का डर भय जीवन में आ जाते हैं
पूरा नरक पिछे पड़ जाता है हमें मारने के लिए। हमें बरबाद करने को। गुनाह अपने गुलामों को मौत के रूप में मज़दूरी देता है। यह मौत सदा के लिए परमेश्वर से अलग का जीवन है।
गुनाह के गुलामों को वही मिलता है जिसके वे लायक हैं और जो कुछ वे कमाते हैं। परमेश्वर अपने गुलामों को मज़दूरी नहीं, इनाम देते हैं। इसके वे लायक नहीं होते हैं और इसे कमा भी नहीं सकते है। 👇
रोमि 4:4-5👇
4 जो मेहनत करता है, उसकी मज़दूरी ईनाम नहीं है, लेकिन वह उसका हक बनता है।
5 परन्तु जो मेहनत नहीं करता✽ लेकिन परमेश्वर जो दुष्ट को पवित्र ठहराते हैं, उन पर भरोसा करता है, उसका विश्वास उस व्यक्ति के लिए विश्वासयोग्यता (धार्मिकता) गिना जाता है।
- परमेश्वर की दृष्टि में ऐसा कोई नहीं हैं जो दुष्ट न हो। लेकिन कोई भी व्यक्ति इतना बुरा नहीं जिसका मन बदलाव होने पर परमेश्वर उसे न बचाएँ और निर्दोष न ठहराएँ।
पौलुस के बारे में सोचें (प्रे.काम 8:3; 9:1-5) क्रूस पर चोर के बारे में (लूका 23:39-43)। यशा. 55:7 एवं 1 कुरि. 6:9-11 भी देखें।
पौलुस का अर्थ यह हैः यहूदी जिन्हें परमेश्वर द्वारा दिए गए नियमों और रीति विधियों और अवसरों का लाभ था, गैरयहूदियों से बेहतर नहीं थे? मसीही भी यही प्रश्न कर सकते हैं,
कि क्या वे दूसरे धर्मों के लोगों से अच्छे हैं? उत्तर है – नहीं। सभी दोषी हैं चाहे वे यहूदी हों या गैरयहूदी। चाहे कोई धर्म, राष्ट्र या जाति हो।
धनी, निर्धन, शिक्षित, अशिक्षित, मूर्ख, बुद्धिमान, जो अपने धर्म का पालन करते हैं और जो नहीं करते हैं। सभी अधर्मी हैं।
कुछ लोग अपने आप को दूसरों से अच्छा समझते हैं (देखें यशा. 65:5; लूका 18:9. वे पौलुस के प्रश्न का उत्तर हाँ में देंगे।
उनकी आवश्यकता और वे क्या हैं, इस सम्बन्ध में उन्हों ने परमेश्वर से कुछ ज्ञान प्राप्त नहीं किया है।
- देखें उत्पत्ति 37:35. जो लोग बिना माफ़ी पाए इस दुनिया से चले जाते हैं, यह उनके लिए पीड़ा वाली जगह है (25)। सभी अमीर वहाँ नहीं जाते हैं, अब्राहम खुद अमीर था (उत्पत्ति 13:2)।
लेकिन अमीर लोगों के लिए मुक्ति पाना आसान नहीं है – अमीर आदमी सज़ा की जगह इसलिए गया क्योंकि उसने अपने अविश्वास को अपनी जीवन शैली से दिखाया वह के इन्सान की तरह था और
उनकी तरह जिनके बारे में याकूब 5:1-5 में लिखा है। वह मत्ती 25:41-46 और 1 तीमु. 6:9-10 की तस्वीर को दिखाता है। ध्यान दें कि अब्राहम से अमीर आदमी बहुत दूर था।
स्वर्गलोक और नरक लोक में एक बड़ी दूरी थी, लेकिन लोग एक जगह से दूसरी जगह देखने के साथ वहाँ के लोगों को सुन सकते थे। उनकी विलासिता और स्वार्थ का अन्त मौत में है।
याकूब उनकी तुलना गूँगे पशुओं से करता है, जिन्हें काटे जाने के लिए मोटा किया जाता है। (आमोस 4:1 से मिलान करे)। हमारे प्रान्त के छोटे जीवन में हम सचमुच में जो महत्वपूर्ण बातों पर मन लगाएँ।
वे हैं अपराध क्षमा, बुद्धि, निर्दोषता, सत्य, पवित्रता आदि (मत्ती 6:33)।
- बाईबल के पुराने भाग में “दरवाज़ा” उस जगह को दिखाता है, जहाँ बुज़ुर्ग अगुवे, शासक और जज अपने शहर सम्बन्धी मसलों पर फ़ैसले लेते थे (उत्पत्ति 34:20)।
यहाँ इसका मतलब है सलाह मशविरा, षड्यन्त्र और वे योजनाएँ जो बड़ी शक्तियाँ (खासकर शैतानी शक्तियां) मौत के दायरे के सम्बन्ध में बनाते हैं। (इब्रा. 2:14)।
वे मसीह के विरोध में और चर्च के विरोध में लड़ाई में जीत नहीं हासिल कर पाएँगे।
- नरक इन्सान के लिए नहीं है, लेकिन शैतान और उसके दूतों के लिए बनायी गयी था। लेकिन यदि इन्सान परमेश्वर के रास्ते का इन्कार करता है,
तो शैतान को दिया गया दण्ड उसका भी हिस्सा बनेगा। ऐसा होगा ही, क्योंकि नहीं तो परमेश्वर उन्हें उस जगह नहीं भेजेंगे, इसलिए कि दुष्टों को ऐसी सज़ा मिलेगी ही,
हमें समझ लेना चाहिए कि इस बात का अन्दाज़ा हम लगाएँ कि अपराध कितना भयंकर है।
- नरक की तुलना कूड़े के एक ऐसे ढेर से की जा सकती है जहाँ देह को कीड़े खाते हैं और आग जलती रहती है। यरूशलेम की दीवार के बाहर गेहेन्ना घाटी ऐसी ही थी।
गेहेन्ना का ही अनुवाद ‘नरक’ है, नए नियम में बार-बार (मत्ती और मरकुस कई बार लूका और याकूब की पत्री में एक बार)। यीशु ने अपराधी मनुष्यों के अन्त की भयानक तस्वीर दिखायी।
यह भी कि चेतावनी को अनदेखा करना मूर्खता है। देखें मत्ती 5:22; लूका 16:23-24; प्रका. 20:14-15. वे सभी जो इस दुनिया के कचरे को चुनते हैं (फ़िलि. 3:8)
और यीशु से मिलने वाले उद्धार को अस्वीकार करते हैं, उसी कचरे के ढेर पर जाएँगे। यह परमेश्वर का सिद्ध न्याय होगा।
- इसलिए हर इन्सान को उन अपराधों और उनके असर को कितनी तत्परता से अस्वीकार करना चाहिए जो बुराई की तरफ़ ढकेलते हैं! जो लोग सच्चाई पर नहीं चलते हैं,
यह उदाहरण देकर पतरस सिद्ध करता है, कि परमेश्वर इस योग्य हैं कि सजा़ दें। उत्पत्ति 6:1-5; 16:7; । प्रका. 12:4, 7, 8 से तुलना करें।
पुराने समय मैं स्वर्गदूतों ने परमेश्वर के खिलाफ़ बगावत की और वे वहाँ से बाहर निकाल दिए गए। इसलिए कि परमेश्वर ने उन्हें नहीं छोड़ा, झूठे शिक्षक भी बचेंगे नहीं।
यहाँ दुष्ट, सुस्त इन्सान को ‘बेकाम’ कहा जाता है। तुलना करें लूका 13:6-7; यूहन्ना 15:1-6; इब्रा. 6:7-8. यदि हम प्रभु के काम के नहीं, दुष्ट हैं और आलसी हैं, हमें प्रतिफल की आशा नहीं करनी चाहिए।
वह ऐसे लोगों को जिन्होंने अच्छा काम नहीं किया, कभी भी शाबाशी नहीं देंगे। यहाँ “बेकार के” व्यक्ति का अन्त देखें, तुलना करें मत्ती 3:10, मत्ती 3:12; मत्ती 8:12 आदि।
- इस्राएल के लिए पहले से राज्य निश्चित किया गया था। 2:2 – राजा उनके बीच आया, खुशी की खबर सुनायी, उसके कुछ लक्षण बताए और बदलाव एवं विश्वास की माँग की।
लेकिन उन्हों ने समर्पण स्वीकार नहीं किया। इसके भंयकर परिणाम उन्हों ने सहे। तुलना करें
मत्ती 21:42-44. इस चुनौती को यीशु ने बार-बार दोहराया – मत्ती 13:42-50; मत्ती 22:13; 24:51; 25:30; लूका 13:28. परमेश्वर के प्रबन्ध को ठुकराना एक गम्भीर बात है और उसके बुरे परिणाम भी होंगे।
तुलना करें इब्रा. 2:3. “दाँत पीसने” के बारे में देखें मत्ती 8:12; मत्ती 13:42, मत्ती 13: 50; मत्ती 24:51; मत्ती 25:30. इस में और शादी के भोज की खुशी में कितना अन्तर होगा।
नरक के आयतें :-👇
मत्ती 24:51
51 तब वह उसे कड़ी सज़ा देगा, जहाँ रोना और दाँतों का पीसना होगा। उसका भाग कपटियों के साथ होगा।”
इफिसि. 4:9
“उनके चढ़ने” का क्या मतलब है? यह कि, वह पहले पृथ्वी के निचले भागों में भी उतरे?
मरकुस 9:48
48 वहाँ का कीड़ा मरता नहीं है न ही वहाँ की पीड़ा (आग) कभी कम होती है।
प्रकाशितवाक्य 20:14
14 और मौत और कब्र को आग की झील में फेंक दिया गया। इस आग की झील का मतलब है, दूसरी मौत।
मत्ती 5:29
29 अगर तेरी दायीं आँख तुझसे पाप करवा रही है, तो उसे नोंचकर निकाल दे और दूर फेंक दे। अच्छा यही होगा कि तू अपना एक अंग गँवा दे, बजाय इसके कि तेरा पूरा शरीर नरक में फेंक दिया जाए।
मत्ती 18:9
9 अगर तेरी आँख तुझसे पाप करवाती है तो उसे नोंचकर निकाल दे और दूर फेंक दे। अच्छा यही होगा कि तू एक आँख के बिना जीवन पाए, बजाय इसके कि तू दोनों आँखों समेत नरक की आग में फेंक दिया जाए।
रोमियों 8:13
13 अगर तुम शरीर के मुताबिक जीते हो तो तुम्हारा मरना तय है, लेकिन अगर तुम पवित्र शक्ति से शरीर के कामों को मार देते हो, तो तुम ज़िंदा रहोगे।
यहूदा 6
6 और जो स्वर्गदूत उस जगह पर कायम न रहे जो उन्हें दी गयी थी और जिन्होंने वह जगह छोड़ दी जहाँ उन्हें रहना था,
उन्हें उसने हमेशा के बंधनों में जकड़कर रखा है ताकि वे उसके महान दिन में सज़ा पाने तक घोर अंधकार में रहें।
प्रकाशितवाक्य 12:9
9 इसलिए वह बड़ा भयानक अजगर, वही पुराना साँप, जो इबलीस और शैतान कहलाता है और जो सारे जगत को गुमराह करता है,
वह नीचे धरती पर फेंक दिया गया और उसके दुष्ट स्वर्गदूत भी उसके साथ फेंक दिए गए।
प्रकाशितवाक्य 20:10
10 और उन्हें गुमराह करनेवाले शैतान को आग और गंधक की झील में फेंक दिया गया, जहाँ जंगली जानवर और झूठा भविष्यवक्ता पहले ही डाल दिए गए थे।
और उन्हें रात-दिन हमेशा-हमेशा के लिए तड़पाया जाएगा।
प्र. व. 21:8
8 कायर , अविश्वासी , दुष्ट, हत्यारों, व्यभिचारियों , जादूगरों , मूर्तिपूजकों और झूठों का हिस्सा उस झील में होगा, जो आग और गंधक से जलती रहती है। यही दूसरी मौत है”।
प्र. व. 19:20
20 उस पशु और झूठे भविष्यद्वक्ता को जो उसके सामने चिन्ह दिखाता था, पकड़ लिया गया। इन चिन्हों से वह उनको धोखा देता था,
जिन्होंने पशु का चिन्ह लिया था और जो मूरत की आराधना करते थे। दोनों ही को गंधक से जलती हुयी आग में ज़िन्दा डाल दिया गया।
लूका 16:23
23 वह नरक की पीड़ा से तड़प उठा और उसने आँख उठायी तो लाज़र को स्वर्ग में बैठा देखा।
मत्ती 11:23
23 और तुम कफ़रनहूम के लोग जो घमण्ड की ऊँचाइयों पर हो, नरक की निचाई तक लाए जाओगे। क्योंकि जो चमत्कार (आश्चर्यकर्म) तुम्हारे बीच किए गए, अगर वे सदोम में किए जाते,
तो वह शहर आज तक बना रहता।
लूका 10:15
15 हे कफ़रनहूम, क्या तुम स्वर्ग तक ऊँचे किए जाओगे? तुम तो अधोलोक तक नीचे किए जाओगे।
प्र. व. 20:13-14
13 समुद्र ने उन मरे हुओं को उगल दिया जो उसमें थे। मौत और कब्र ने अपने में समाए मृतकों को उगल दिया और प्रत्येक का इन्साफ़ उसके कामों के अनुसार हुआ।
14 मौत तथा अधोलोक आग की झील में डाल दिए गए। यह दूसरी मौत है।
नीतिवचन 7:27
27 उसका घर कब्र में ले जाता है, मौत की काल-कोठरी में पहुँचाता है।
यशायाह 38:10
10 मैंने कहा, “अपनी आधी उम्र जीकर, मैं कब्र के दरवाज़े से अंदर जाऊँगा। मेरी ज़िंदगी के बचे हुए साल मुझसे छीन लिए जाएँगे।”
मत्ती 16:18
18 मैं भी तुम से कहता हूँ कि तुम पतरस हो और इस चट्टान पर मैं अपना चर्च बनाऊँगा। अधोलोक के दरवाज़े चर्च को हरा नहीं सकेंगे।
मत्ती 6:23
23 परन्तु अगर आँख अन्धकारमय होगी, तो सारा शरीर भी अन्धकारमय हो जाएगा। इसलिए तुम में जो ज्योति है, वह अगर बुझ जाए, तो वह अन्धियारा कितना भयानक होगा।
लूका 16:26-27, 27
इसके अलावा तुम्हारे और हमारे बीच में एक बड़ी दूरी है, इस वजह से, उधर से इधर कोई आ जा नहीं सकता।”
मत्ती 25:41
41 तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, ‘हे स्त्रापित लोगो, मेरे साम्हने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गई है।
मत्ती 3:10
10 अब कुल्हाड़ी पेड़ों की जड़ पर रखी हुयी है। इसलिए जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, काटा और आग में डाला जाता है।
मत्ती 5:22
22 लेकिन मैं तुम से यह कहता हूँ कि जो कोई अपने भाई (या बहन) से क्रोधित रहेगा वह स्वर्ग की अदालत में सज़ा के लायक होगा।
जो कोई अपने भाई को नालायक कहे वह स्वर्ग की अदालत में सज़ा के लायक होगा। जो किसी को बेवकूफ़ कहे वह नरक की आग के खतरे में होगा।
यशायाह 34:10
10 वह दिन-रात सुलगती रहेगी, उससे हमेशा धुआँ उठता रहेगा, पीढ़ी-पीढ़ी तक वह उजाड़ पड़ी रहेगी, फिर कभी कोई उसमें से होकर नहीं गुज़रेगा।
मरकुस 9:47, 48
47 और अगर तेरी आँख तुझसे पाप करवाती है तो उसे निकालकर दूर फेंक दे। अच्छा यही होगा कि तू एक आँख के बिना परमेश्वर के राज में दाखिल हो,
बजाय इसके कि तुझे दोनों आँखों समेत गेहन्ना में फेंक दिया जाए, 48जहाँ कीड़े कभी नहीं मरते और आग कभी नहीं बुझती।
2 थिस्सलुनीकियों 1:9
9उन्हें प्रभु के सामने से और उसकी शक्ति के तेज से दूर कर दिया जाएगा और उन्हें सज़ा देकर हमेशा के लिए नाश कर दिया जाएगा
2 पतर. 2:4
4 क्योंकि अगर परमेश्वर पिता ने अपने खिलाफ़ बलवा करने वाले स्वर्गदूतों को नहीं छोड़ा, बल्कि नरक में डाल कर अन्धेरे की जंजीरों से बान्ध दिया, ताकि वे आखिरी फ़ैसले तक वहीं रहें।
मत्ती 25:30
30 इस निकम्मे सेवक को घोर अन्धेरे में फेंक दो। वहाँ रोना और दाँतों का पीसना होगा’।
मत्ती 3:12
12 उनका सूप उनके हाथ में है। वह अपना खलिहान अच्छी तरह से साफ़ करेंगे। वह अपने गेहूँ को खत्ते में इकट्ठा करेंगे, लेकिन भूसे को उस आग में जलाएँगे, जो कभी नहीं बुझेगी।
मत्ती 8:12
12 लेकिन राज्य की सन्तान (इस्राएली) बाहर अँधेरे में डाल दी जाएगी, जहाँ रोना और दाँतों का पीसना होगा।”
मत्ती 22:13
13 तब राजा ने नौकरों से कहा, ‘इसके हाथ पैर बान्धकर ले जाओ और अँधेरे में डाल दो। वहाँ रोना और दाँतों का पीसना होगा।’
Achi janakari aapne diya hai thank you sir